दीपावली
खुशी‚हर्ष‚उल्लास
जीवन में विश्वास
दीप जलाकर फिर करने का
आया अवसर अद्वितीय।
पर्व नहीं केवल यह दिन है
हमें बताता
लक्षित करता
मानव का आचरण।
हमें इकठ्ठा करके
हमको पाठ एकता का
सिखलाता।
तभी तो कर पाते आये हैं
अंधकार पर साम्ूहिक प्रहार।
और यहाँ तक बढ़ आये हैं।
दीप पर्व यह सदा रहा है
मानवता के विजय का पथ।
तम है शाश्वत
व्योम चतुर्दिक ब्रह्म–सृष्टि में ।
रश्मि दीप का
करे उजागर
सब कुछ ला देता दृष्टि में।
दीप्तमान कर देता
यह मानवता को।
यह है जीवन का ही कारण।
कार्तिक के अमावस को
दीपावली
बना देता है देवता।
प्रज्वलित करके लघु दीप में
अग्नि।
उपासना करते हैं हम
अग्नि के सूक्ष्म रूप को
आज हम।
अग्नि प्रकाश रूप में
करें
हमारा मार्ग
प्रशस्त।
हमारा आचरण‚हमारा विचार व विवेक
यह अग्नि प्रकाश रूप में
करता रहे प्रशस्त।
यह प्रकाश को
आह्वान करने का
पर्व है।
यह प्रकाश को
धन्यवाद कहने का
पर्व है।
यह ज्योर्तिमय दिवस
हमें दे दिव्य साहस।
हमारे संघर्ष को
आलोक से करता रह प्रेरित।
दीपावली पर्वों में है श्रेष्ठ‚
कर्म में अद्वितीय‚
पूजाओं में विशिष्ट‚
यज्ञों में महान।
सम्पूर्ण सृष्टि को
मेरा
यह लघु दीप
करे आलोकित
सुख व खुशी को
जीव और जीवन के लिए।
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अरूण कुमार प्रसाद
अरूण कुमार प्रसाद
एफ 1 पवन इन्क्लेव नागपुर रोड पडोली
चन्द्रपुर‚महाराष्ट्र–442406