*दीपक (बाल कविता)*
दीपक (बाल कविता)
नन्हा-सा दीपक है जलता
उगता यह सूरज जब ढलता
अंधेरे को दूर भगाता
सूरज का बेटा कहलाता
हम भी दीपक-से चमकेंगे
जग-भर को प्रकाश हम देंगे
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
दीपक (बाल कविता)
नन्हा-सा दीपक है जलता
उगता यह सूरज जब ढलता
अंधेरे को दूर भगाता
सूरज का बेटा कहलाता
हम भी दीपक-से चमकेंगे
जग-भर को प्रकाश हम देंगे
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451