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1 Jan 2022 · 1 min read

दीपक तले अंधेरा देखा हमने

दीपक तले अंधेरा देखा हमने
अपनों में परायापन देखा हमने

दिखावा करते थे वह अपनी पाक मोहब्बत का
मोहब्बत के आशियां को उजड़ते देखा हमने

अपनों के अपनेपन के बहुत मंजर देखे हमने
कभी गिराते, कभी तड़पाते अपने देखे हमने

मोहब्बत को जताने का उनका जज्बा था अजब
बेवफाई के बहुत से फसाने देखे हमने

वो कहते थे मैं खुशकिस्मत हूं तेरे आ जाने से
बदकिस्मत दिखाने के उनके बहुत से बहाने देखे हमने

उसकी पाकीजगी की पर हमें भरोसा था बहुत
अपने ही आशियां को मिटाने के फसाने देखे हमने

उन्हें अपनी वफ़ा पर हमसे भी था ज्यादा यकीन
अपनों में ही हमने बहुत से बेगाने देखे हमने

चाहता था उन्हें खुदा की मूरत समझ
खुदा की सूरत में मोहब्बत के दुश्मन देखे हमने

दीपक तले अंधेरा देखा हमने
अपनों में पर परायापन देखा हमने

दिखावा करते थे वह अपनी पाक मोहब्बत का
मोहब्बत के आशियां को उजड़ते देखा हमने

Language: Hindi
6 Likes · 6 Comments · 351 Views
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Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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