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18 Oct 2017 · 1 min read

दीपक जलाते रहें…

दीप जलते रहें जगमगाते रहें
हर बरस उत्सव के पल आते रहें!
.
मिट्टी के दीये पटाखों की झड़ी
हमेशा मन को खिलखिलाते रहें!
.
दुकानों की चमक राहों की दमक
जलेबियों की मिठास आते रहें!
.
आपसी सौहार्द खुशियाँ अपार
मिलजुल प्रकाश पर्व मनाते रहें!
.
रूठे ना कोई अपना टूटे न कोई सपना
दिलों में ऐसा प्रेम जगाते रहें!
.
फैले चहुँ ओर यश कीर्ति ऐसे
जैसे धरा और गगन लुभाते रहें!
.
सुख-दु:ख तो उत्सव है जीवन का
बिन ढिढके इनको गले लगाते रहें!
.
आलोकित हो जाए ऐसे संसार(मन)
चन्दा तारे भी देखकर मुस्कुराते रहें!
.
कमी पूरी नहीं होती कुछ रिश्तों की
हर साल उनके नाम का दीपक जलाते रहें!
.
प्रकाशपर्व की मंगलमयी शुभकामनाएँ…..
.
शालिनी साहू
ऊँचाहार,रायबरेली(उ0प्र0)

Language: Hindi
1 Comment · 659 Views
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