दिसम्बर माह और यह कविता…😊
दिसम्बर माह और यह कविता…😊
happy winter’s to all….
सबके अपने अपने युद्ध हैं,सबकी अपनी अपनी तैयारियां है
कोई आज जीतेगा,किसी को कल भी लड़ना पड़ सकता हैं
कोई जल्दी जीत जाएगा,कोई देर से शुरू करेगा
कोई बिना लडे़ जीत जाएगा,किसी को आखरी तक लड़ना पडे़गा
कोई भीड़ में चलेगा,और कोई अंत में अकेला रह जाएगा
कोई अकेले चलना शुरू करेगा,और कोई अंत में कारवां बन जाएगा
तुलना हमें निराश करती है,सबके युद्ध अलग है
सबका समय अलग है,सबकी जीत अलग है।
😊