Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

दिव्य अंगार

कौन जिम्मेदार है?
समाज की व्यथा का।
रग -रग दुखाती
दुखान्त कथा का।
विद्रूपता, विद्रोह
बन गए हैं अंग।
सिमटी है जीवन की
उल्लासित तरंग।
हर मोड़ हर डगर पर
नहीं सुरक्षित वह घर पर।
नारीवाद का स्वर मुखर
रोक न पाया खूनी खंजर।
रंगा आता है अखबार
दब जाती उसकी चीत्कार।
किस से करें वह पुकार
खुलकर जीने का नहीं अधिकार।
वंदनीय नमनीय
कहते हैं सब उसे।
फिर यह जहरीले सर्प
क्यों डस जाते उसे बार-बार।
अब उठो जागो
भरो तुम हुॅंकार।
कोई नहीं आएगा
करने मदद तुम्हारी।
खुद ही करो तुम
खुद का उद्धार।
भस्म कर दो बनकर काली
हर असुर हर दानव को।
हे नारी बनकर शक्ति
जला लो हृदय में दिव्य अंगार।

प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव
अलवर (राजस्थान)

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 118 Views
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all

You may also like these posts

* थके पथिक को *
* थके पथिक को *
surenderpal vaidya
..
..
*प्रणय*
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
एक अनु उतरित प्रश्न
एक अनु उतरित प्रश्न
पं अंजू पांडेय अश्रु
जय श्री राम।
जय श्री राम।
Anil Mishra Prahari
दोहा
दोहा
Jp yathesht
ज्ञान के दाता तुम्हीं , तुमसे बुद्धि - विवेक ।
ज्ञान के दाता तुम्हीं , तुमसे बुद्धि - विवेक ।
Neelam Sharma
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
ख्वाबों में कितनी दफा
ख्वाबों में कितनी दफा
शिव प्रताप लोधी
बिहार के रूपेश को मिलेगा
बिहार के रूपेश को मिलेगा "विश्व भूषण सम्मान- 2024"
रुपेश कुमार
A Girl Child
A Girl Child
Deep Shikha
Empty pocket
Empty pocket
Bidyadhar Mantry
कुछ...
कुछ...
Naushaba Suriya
प्रश्न अगर हैं तीक्ष्ण तो ,
प्रश्न अगर हैं तीक्ष्ण तो ,
sushil sarna
प्रभु संग प्रीति
प्रभु संग प्रीति
Pratibha Pandey
अरमान गिर पड़े थे राहों में
अरमान गिर पड़े थे राहों में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
2684.*पूर्णिका*
2684.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फूलों सा महकना है
फूलों सा महकना है
Sonam Puneet Dubey
*आदत*
*आदत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#हँसती है ज़िंदगी तो ज़िन्दा हैं
#हँसती है ज़िंदगी तो ज़िन्दा हैं
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
अंसार एटवी
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वृक्ष होते पक्षियों के घर
वृक्ष होते पक्षियों के घर
Indu Nandal
पितृपक्ष की विडंबना
पितृपक्ष की विडंबना
Sudhir srivastava
नारी सम्मान
नारी सम्मान
Sanjay ' शून्य'
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
डॉक्टर रागिनी
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
सत्य कुमार प्रेमी
चांद देखा
चांद देखा
goutam shaw
डीजे
डीजे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पहचान
पहचान
Shweta Soni
Loading...