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5 Feb 2019 · 1 min read

दिव्यता के दीप

तुम दिव्यता के दीप हो बता दो सारे देश को

प्रतिभा के तुम धनी मिटा दो हर क्लेश को

जो कहे तुम्हें निर्बल, बता दो उनको अपना बल

सफलता की राह पर बड़ा दो अपना बाहुबल

आए हैं जहाँ में तो, कुछ तो करके जाएंगे

समझो ना बलहीन रे ,इतिहास रच के जाएंगे

अंधे पृथ्वीराज ने गौरी को मार डाला था

थी एक भुजा राणा की दुश्मन को काट डाला था

दिव्यांग है तो क्या हुआ हुनर भरे हैं और भी

करो रे सब्र थोड़ा सा मचाएंगे शोर भी

हिन्द के शेर है डरते नही दहाड़ से

हैं भले दिव्यांग हम टकराएंगे पहाड़ से

बजरंग बली के अंश है पर्वत को तोक सकते

श्री राम के वंश है सागर को सोख सकते हैं

– पर्वत सिंह राजपूत

( ग्राम- सतपोन)

मो, 7869686078

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 548 Views
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