दिवाली दिलवाली
आओ कुछ अलग सी मनाये दिवाली
ना शोर, न धमक, न धमाके वाली
कुछ सुकून ढूंढे, कुछ दे आये
इस बार हो दिवाली थोडी दिलवाली
जिन मुंडेरो पर रोशनी का नाम नही होता
अमावस की रात होती है वहां अधिक काली
इस बार दिल बडा करे
रह ना जाये बिन तेल कुछ सूखी दियाली
रंगीन ,रोशन लडियो से सजे घर के पीछे
रह ना जाये किसी गरीब की चौखट अन्धकार वाली
कुछ मिठास, कुछ रोशनी उनके संग बांट लें
घुल जायेगी की जीवन मे मिठास मिश्रीवाली
इस बार मना ले दिवाली थोडी दिलवाली