दिल है दिल का टुकड़ा होता रहता है
प्यार, मुहब्बत, झगड़ा होता रहता है।
आपस का यह लफड़ा होता रहता है।
पहली बार नहीं जी सौ-सौ बार हुआ,
दिल है दिल का टुकड़ा होता रहता है।
कभी कभी तो संसद में माइक लेकर,
देखो उखड़ी-उखड़ा होता रहता है।
बीबी का भी मूड जान पाया है कौन,
लाल गुलाबी मुखड़ा होता रहता है।
साली जी की याद सताती है जब-जब,
तब-तब दिल का कचड़ा होता रहता है।
‘सूर्य’ गरीबों के किस्से में अक्सर ही,
भूख, गरीबी, दुखड़ा होता रहता है।
(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
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