दिल हार जाता है
औरों को समझना आसान है
मगर जब खुद पर बन आती हैं
तो दिल हार जाता है
है ये कैसा एक तरफा प्यार
जो अपनों को बेगुनाह
और खुद को हर ज़ुल्म का गुनहगार समझता है।।
नीतू साह
औरों को समझना आसान है
मगर जब खुद पर बन आती हैं
तो दिल हार जाता है
है ये कैसा एक तरफा प्यार
जो अपनों को बेगुनाह
और खुद को हर ज़ुल्म का गुनहगार समझता है।।
नीतू साह