दिल से दिल मिल जाए तो
दिल से दिल मिल जाए तो
दूरीयाँ अच्छी नही लगती
चलती हुई साँसे रुके तो
रुकी हुई साँसे अच्छी नही लगती
गुज़र जाता सफर तुम्हारे बिन भी
तुम्हारे बिन वो रातें भी अच्छी नही लगती
दर्द होता है जुदाई में मालूम है
खुश्क आँखों में बूंदे अच्छी नही लगती
चाँद तारों का संगम है सुनहरी रात
बिन जुगनु के रात भी अच्छी नही लगती
भूपेंद्र रावत
2।11।2017