दिल से दिल की राह
एक घुप अंधेरी रात में
आसमान का
चांद सितारे को
रोशनी देता है या
सितारों का हुजूम
चांद में रोशनी
भरता है
पर अपने अपने घरों में
सुशोभित
दूर दूर से
एक दूसरे को देखकर
सब एक दूसरे के सहारे ही
जीते हैं
रात का
सन्नाटे भरा सफर
काटते हैं
किसी के पास जाकर भी
क्या
साथ रहकर भी क्या
जब तुम किसी का सहारा
न बनो
दूर से ही
हाल पूछते रहो
तसल्ली देते रहो
हिम्मत बढ़ाते रहो तो
ऐसी दिल से दिल की राह के भी
क्या कहने।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001