दिल लगाओ तुम
दिल लगाओ तुम
कौन कहता कि दिल लगाओ तुम.
कम से कम दिल तो बहलाओ तुम.
कहां कहता हूं कि तुम सामने बैठो
छत पे आओ तो मुस्कुराओ तुम.
ज़माने की बातों से मतलब क्या है
कुछ कहो तो अपनी सुनाओ तुम.
हर सम्त से आती हैं सदाएं तेरी
जिधर से चाहो मुझे बुलाओ तुम.
सुनो!इश्क़ का इतना तजुर्बा है मुझे
जब मर्ज़ी हो तो आजमाओ तुम.