(( दिल रूठ जाता है ))
कभी वो मेरे भी अन्जुमन में आए तो उनसे पूछे
दिल मे रह कर भी क्यों, मचा रखा है बवाल पूछे,,
तुम्हे देखते ही सब भूल गए हम
नज़रों को ज़रा फेर लो तो, कुछ सवाल पूछे,,
तमन्नाएं सारी रात बैचेनी में करवट बदलती रही
लगता है रात सारी तुम भी सोये नही,आंखे क्यों है लाल पूछे,,
हर ज़िक्र में सिर्फ तुम्हारा ही ख्याल आता है
कुछ होश नही रहता है अपना, क्यों कर रहे हो मुझे बेहाल पूछे,,
जाने क्यों मसरूफ रहता है वो आज कल
क्या तेरे दिल में हो गया है, मोहब्बत का अकाल पूछे,,
कोई नाम भी ले तेरा, तो दिल रूठ जाता है
क्यों रहता है हरदम दिमाग में ये उबाल पूछे,,