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23 Nov 2022 · 1 min read

दिल मे लगी आग है

दिल मे लगी आग है
*****************

दिल में लगी आग हैं,
प्रेम का छिड़ा राग है।

देख कर झूम उठा,
फलों से भरा बाग है।

मुख फुला चल दिये,
मुँह में भरी झाग है।

कोई न अंदर गया,
पहरेदार नाग है।

मनसीरत बहक गया,
मंडेर पे बैठा काग है।
*****************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
63 Views
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