दिल में हमारे
( 14)
मुकरते हैं आप, क्या ज़ालिम नहीं हैं।
दिल में हमारे क्या शामिल नहीं हैं ।।
धड़कते नहीं क्या दिल में तुम्हारे ।
धड़कन में तेरी क्या शामिल नहीं हैं ।।
पढ़ न सके जो आंखों की भाषा।
अनपढ़ हैं आप क्या आमिल नहीं हैं ।।
ठुकरा रहे हो हमें किस वजह से ।
चाहत के तेरी क्या क़ाबिल नहीं हैं।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद