“दिल” में बसाया जाता नहीं,
वैसे तो दिल में कोई उतरता नहीं,
और उतर जाता है तो,
उसके बिना रह जाता नहीं।
दिल करता है बयां करू दिल का हाल,
कहने को है बहुत कुछ,
पर उनके सामने कहा जाता नहीं।
मैं हूं और मेरी तनहाइयां है,
तुम हो,और तुम्हारी रुसवाईयां है,
और अब दर्द दिल का सहा जाता नहीं।
जीवन के सफर में, कुछ ऐसा हो जाता है,
जो दिल से उतर जाता है,
उसे दोबारा से दिल में बसाया जाता नहीं।
कहते तो थे जीवन भर साथ देंगे,
भुला दिया आधे सफर में ही,
कहते हैं अब साथ निभाया जाता नहीं।