दिल में छुपा दर्द
है दिल में छुपा दर्द कंही पर,
न बताना किसी को, की वो कोना कौन सा है,
मन बहलाता हूँ, जिससे दुनियां से छुपकर,
न बताना किसी को, वो खिलौना कौन सा है,
है दिल में छुपा दर्द कंही पर,
न बताना किसी को, की वो कोना कौन सा है,
ये दुनियां झुलस जाएगी, पासिंदों,
जानकार मेरी सुकून की नींद,
न बताना किसी को, की सोता हूँ कहाँ?
और न बताना, की वो बिछोना कौन सा है,
है दिल में छुपा दर्द कंही पर,
न बताना किसी को, की वो कोना कौन सा है,
भर के खुशियां सबके दमन में,
जो बरसता रिमझिम है पानी,
कौन जाने इस हंसी के पीछे,
“तनहा” छुपा रोना कौन सा है,
तनहा शायर हूँ