~~दिल में गम, जब्त न कर ~~
कैसा लगता है किसी से बिछड़ जाने के बाद?
कभी रो कर देखिये, मुस्कुराने के बाद…
ईश्क में, मेरे यार ! आजमाईश नहीं करते,
ऐतबार मर जाता है आजमाने के बाद…
दिल में ग़म ज़ब्त ना कर,
रो भी ले जरा अच्छा लगेगा दो आँसू बहाने के बाद..
तुझ से पहले लाख आरजूऐं थी दिल को,
कोई आरजू ना रही तेरे आने के बाद..
मौत से पहले जीने के बहाने ढूँढता था
ये मौके नहीं मिलते मर जाने बाद..
राह-ए-नेकी से जो हटेगा नहीं उम्र भर,
जन्नत पायेगा ……”जमाने के बाद..
अजीत कुमार तलवार
मेरठ