दिल में एहसास
दिल में एहसास भर नहीं पाये।
तुमको छूकर गुज़र नहीं पाये।
इतने नज़दीक तेरे आकर भी,
हाय ! हम क्यों बिखर नहीं पाये।
कैसी मजबूरियां थीं क़िस्मत में,
दिल की हम ले ख़बर नहीं पाये।
तुमने कोशिश तो की मगर हम भी,
दिल से अब तक उतर नहीं पाये।
शौक़ ए फ़हरिस्त दिल में है लेकिन,
हम ही इज़हार कर नहीं पाये।
हमको ख़ुद से रहा यही शिकवा,
जो था करना वो कर नहीं पाये।
फ़ौज़िया नसीम शाद