Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2020 · 1 min read

दिल में उमड़े हैं उल्फ़त के जज़्बात फिर

दिल में उमड़े हैं उल्फ़त के जज़्बात फिर
आज आँखों से होती है बरसात फिर

रात भर एक दूजे की बाहों में थे
दिल को तड़पा रही आज वो रात फिर

डर था जिसका मुझे वो ही धमकी मिली
कह गया मुझसे क़ातिल वही बात फिर

आदमी की वफ़ा की मुहब्बत की क्या
देख ली उसकी नज़रों में औक़ात फिर

ज़िन्दगी ने दिये हंस के यूँ रंजोग़म
मिल गई मुझको जैसे है सौग़ात फिर

आज फिर कुछ निवाले नहीं मिल सके
मुफ़लिसी के वही आज हालात फिर

वो लुटा सा पिटा सा खड़ा सामने
उसकी आँखों में देखे सवालात फिर

हर जगह आज पहुंची है शहरी हवा
अब कहीं न मिलेंगे वो देहात फिर

फिर किसी रोज़ यूँ ही सफ़र में कभी
तुझसे ‘आनन्द’ होगी मुलाकात फिर

स्वरचित
डॉ आनन्द किशोर

7 Likes · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वसंत के दोहे।
वसंत के दोहे।
Anil Mishra Prahari
मेरे जीवन में जो कमी है
मेरे जीवन में जो कमी है
Sonam Puneet Dubey
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
Ashish Morya
जुदाई
जुदाई
Shyam Sundar Subramanian
"लफ्ज़...!!"
Ravi Betulwala
बारिश ने बरस कर फिर गुलशन को बदल डाला ,
बारिश ने बरस कर फिर गुलशन को बदल डाला ,
Neelofar Khan
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
कवि रमेशराज
न लिखना जानूँ...
न लिखना जानूँ...
Satish Srijan
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तुझसे यूं बिछड़ने की सज़ा, सज़ा-ए-मौत ही सही,
तुझसे यूं बिछड़ने की सज़ा, सज़ा-ए-मौत ही सही,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
!! उमंग !!
!! उमंग !!
Akash Yadav
3091.*पूर्णिका*
3091.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निगाहों से पूछो
निगाहों से पूछो
Surinder blackpen
जीवन का किसी रूप में
जीवन का किसी रूप में
Dr fauzia Naseem shad
सूरज - चंदा
सूरज - चंदा
Prakash Chandra
मुझे अच्छी लगती
मुझे अच्छी लगती
Seema gupta,Alwar
"अनुभूति प्रेम की"
Dr. Kishan tandon kranti
बग़ावत की लहर कैसे.?
बग़ावत की लहर कैसे.?
पंकज परिंदा
संस्कृति संस्कार
संस्कृति संस्कार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
..
..
*प्रणय*
दोहा त्रयी. . . शीत
दोहा त्रयी. . . शीत
sushil sarna
सच तो तस्वीर,
सच तो तस्वीर,
Neeraj Agarwal
छोटे भाई को चालीस साल बाद भी कुंडलियां कंठस्थ रहीं
छोटे भाई को चालीस साल बाद भी कुंडलियां कंठस्थ रहीं
Ravi Prakash
स्तुति - दीपक नीलपदम्
स्तुति - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
Pankaj Kushwaha
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
डॉ० रोहित कौशिक
मोहब्बत बस यात्रा है
मोहब्बत बस यात्रा है
पूर्वार्थ
बारम्बार प्रणाम
बारम्बार प्रणाम
Pratibha Pandey
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...