दिल में आने की बात।
वह अपनी हस्ती मिटाने की बात करता है
मेरे दिल में आने की बात करता है।
डरता है मगर जमाने से बहुत वह
आने से पहले जाने की बात करता है।
उसी ने बनाये थे उसूल मुहब्बत के
आज सारी हदें मिटाने की बात करता है।
कोई उलझन है जो सुलझती नहीं उससे
मुस्कराता नहीं पर मुस्कराने की बात करता है।
अनिल मिश्र प्रहरी।