दिल भर आया
दिल भर आया जाने क्यों,
कोई पास ना आया जाने क्यों,
लाख कोशिश कि समझाने की,
कोई समझ नहीं पाया जाने क्यों,
तुमने कहा था साथ निभाएंगे,
अंधेरों में भी कभी छोड़ कर नहीं जाएंगे,
ऐसे जिएंगे कि दुनिया को दिखलाएंगे,
साथ चलकर मंजिल को पाएंगे,
कहां गए वो वादे, कहां गई वो कसमें,
कहां गए वो लम्हें कहां गई वो रस्में,
आज हम तन्हा खड़े है राहों में,
तरस रहे जाने को तेरी बांहों में,
दिल भर आया जाने क्यों,
कोई पास न आया जाने क्यों,
लाख कोशिश कि समझाने की,
कोई समझ नहीं पाया जाने क्यों,