Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2021 · 1 min read

दिल बेचारा

रोज निकलता हूं घर से दिल को जोड़कर
रोज पहुंचता हूं घर पे दिल को तोड़कर।
जब रोज़ टूट ही जाना है आखिर इस दिल को
तो कोई क्यों ना निकले घर पर ही इसको छोड़कर।
फ़िर देखना ज़िन्दगी कितनी ख़ूबसूरत हो जाती है
तुम टूटे हुए रिश्तों को देखो तो जोड़कर।

328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
SPK Sachin Lodhi
# खरी बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
---- विश्वगुरु ----
---- विश्वगुरु ----
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
क्या ख़ूब तरसे हैं हम उस शख्स के लिए,
क्या ख़ूब तरसे हैं हम उस शख्स के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
Ranjeet kumar patre
**** दर्द भरा मुक्तक *****
**** दर्द भरा मुक्तक *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक ख्वाहिश थी
एक ख्वाहिश थी
हिमांशु Kulshrestha
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
Phool gufran
तस्मात् योगी भवार्जुन
तस्मात् योगी भवार्जुन
सुनीलानंद महंत
कुदरत के रंग....एक सच
कुदरत के रंग....एक सच
Neeraj Agarwal
सांकल
सांकल
Dr.Priya Soni Khare
कोशिशों  पर  यक़ी  करो  अपनी ,
कोशिशों पर यक़ी करो अपनी ,
Dr fauzia Naseem shad
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
Shweta Soni
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
पूरी कर  दी  आस  है, मोदी  की  सरकार
पूरी कर दी आस है, मोदी की सरकार
Anil Mishra Prahari
लिमवा के पेड़ पर,
लिमवा के पेड़ पर,
TAMANNA BILASPURI
इंसानियत का वजूद
इंसानियत का वजूद
Shyam Sundar Subramanian
जग-मग करते चाँद सितारे ।
जग-मग करते चाँद सितारे ।
Vedha Singh
दोस्तों !
दोस्तों !
Raju Gajbhiye
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
3589.💐 *पूर्णिका* 💐
3589.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"उजाला"
Dr. Kishan tandon kranti
#परिहास
#परिहास
*प्रणय प्रभात*
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सफर में हमसफ़र
सफर में हमसफ़र
Atul "Krishn"
यह रात का अंधेरा भी, हर एक  के जीवन में अलग-अलग महत्व रखता ह
यह रात का अंधेरा भी, हर एक के जीवन में अलग-अलग महत्व रखता ह
Annu Gurjar
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
Neelofar Khan
हमारे ठाठ मत पूछो, पराँठे घर में खाते हैं(मुक्तक )
हमारे ठाठ मत पूछो, पराँठे घर में खाते हैं(मुक्तक )
Ravi Prakash
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Loading...