** दिल बाग़-बाग होता है **
दिल बाग-बाग होता है
जब
हाथ कलम पर चलता है
अफ़सोस गुस्ताख़ मुरीद
पर
जब हाथ मेरा चलता है
दिल रोता है
आँख नम होती है
परेशां ग़म-ए-शाम होती है ।।
?मधुप बैरागी
दिल बाग-बाग होता है
जब
हाथ कलम पर चलता है
अफ़सोस गुस्ताख़ मुरीद
पर
जब हाथ मेरा चलता है
दिल रोता है
आँख नम होती है
परेशां ग़म-ए-शाम होती है ।।
?मधुप बैरागी