* दिल बहुत उदास है *
* दिल बहुत उदास है *
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ये दिल बहुत उदास है,
खाली पड़ा निवास है।
कड़वाहट स्वाद है बुरा,
फीकी लगे मिठास है।
तम तो हमें पतंग सा,
छाया यहाँ प्रकाश है।
देखा उसे खड़ा सामने,
मन में बड़ा उल्लास है।
मनसीरत पसंद नहीं,
पहना बुरा लिबास है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)