दिल पीना चाहता है
जब से गए है वो जीवन से मेरे
अंधेरा है छाया जीवन में मेरे
क्यों अब ये दिल उजाला चाहता है
गम जाने का उसके भूलाना चाहता है।।
याद आ रही है आज भी उसकी
क्यों ये दिल आज पीना चाहता है
बैठकर दोस्तों के संग मयखाने में
गम जाने का उसके भूलाना चाहता है।।
इश्क की कैद से आज़ाद होकर
ये दीवाना जीवन जीना चाहता है
भूल जाऊं उसे मैं हमेशा के लिए
ये दिल दोस्तों के साथ पीना चाहता है।।
उसकी जुदाई में दर्द बहुत मिला
दर्द ये दिल अब बांटना चाहता है
भूल जाए मेरे सारे गम कुछ पल के लिए
ये दिल दोस्तों के साथ पीना चाहता है।।
छोड़कर गया था मुझे जब वो
कुछ अरमान उसके भी टूटे होंगे
उसका भी दुःख ये दिल बांटना चाहता है
ये दिल दोस्तों के साथ पीना चाहता है।।
जबसे छोड़कर गया है वो मुझको
मेरी जिंदगी बहुत तन्हा हो गई है
कुछ पल जिंदगी के जीना चाहता है
ये दिल दोस्तों के साथ पीना चाहता है।।
अब तो सुकून मिलेगा मुझे तभी
जब अपने दोस्तों के संग बैठूंगा कहीं
दिल गम भूलाने की दवा चाहता है
अब दोस्तों के साथ पीना चाहता है।।