दिल धक् से धड़क ही जाता है..
ये दिल का भी दीवानापन,
कुछ समझ नहीं मैं पाता हूं।
कहने को बहुत है बात मगर,
क्या बात कहूं, शर्माता हूं।
न देखूं तुझे तो चैन नहीं,
देखूं तो बहार सा छाता है।
जब आती हो इधर, जुल्फें खोले,
दिल धक् से धड़क ही जाता है।
ये दिल का भी दीवानापन,
कुछ समझ नहीं मैं पाता हूं।
कहने को बहुत है बात मगर,
क्या बात कहूं, शर्माता हूं।
न देखूं तुझे तो चैन नहीं,
देखूं तो बहार सा छाता है।
जब आती हो इधर, जुल्फें खोले,
दिल धक् से धड़क ही जाता है।