दिल दीवाना हो जाए (भाग-२)
जब ग्वाला मधुर तान में,
अपने बांसुरी बजाए l
पाखी भी घर को लौटे,
जब ढलती शाम बुलाए l
मन आवारा हो जाए,
दिल दीवाना हो जाए l
जब जादू भरी नजर से,
चांद हमे छत से देखे l
जब इतरा के, मुस्काके,
हाल इशारा कर पूछे l
यूं मन भ्रमर गीत गाए,
दिल दीवाना हो जाए l
जब मन के गांव गली में,
मेरा चांद उतर आए l
दिल के सूना मंदिर में,
श्रद्धा से ज्योति जलाए l
ये दिल धड़क धड़क जाए,
दिल दीवाना हो जाए l
✍️ दुष्यंत कुमार पटेल