दिल चाहता है
सदा तुमसे मिलने को दिल चाहता है
शामो सुबह आज कल चाहता है
बनाया है तुमको अपना मसीहा
तुम स्वाति जल तो में प्यास पपीहा
तुम्हे राज अपनी मंजिल चाहता है ,सदा ….
तुम्ही दामिनी तुमसे चमके सितारे
लगे सूर्य फीके खहवी मुख तुम्हारे
तुम्हे ‘राज’ अपनी मंजिल चाहता है ,सदा ….