दिल खाली है !
दिल खाली है!
ना इस दुनिया में हूँ,
ना उस दुनिया में हूँ,
ना दुनिया की दुनिया में हूँ,
ना दोस्तों की दुनिया में हूँ,
मैं तो बस अपनी ही दुनिया में हूँ,
सुकून है, जूनून है,
बेफिक्री है, बेपरवाही है,
दीवानगी है, आवारगी है,
कुरबत है बेपनाह,
दर्द भी बेशुमार है,
अब भी बाकी है कहीं थोड़ा सा,
हाँ मुझे तुमसे आज भी प्यार है,
प्यार के बदले, प्यार मिले,
बस यही तो मांगा मैंने,
कोई आसमाँ तो नहीं मांग लिया तुमसे मैंने
और देखो ना तुम कितने संगदिल हो
और मैं मोम जैसी,
पिघल रही हूँ,
जल रही हूँ,
हाँ लेकिन तुम रौशन हो रहे हो,मैं मशाल जो बन गयी हूँ,
तुम्हारे प्यार में नाकाम होकर मैं, देखो ना, मैं संवर गयी हूँ,
दुनियादारी सीख ली है मैंने
अपने दिल को ज़ार ज़ार तुड़वाकर
और तुम मस्त हो अपनी दुनिया में!
अब दिल खाली है,
धड़कऩे भी बेवजह धड़कती हैं के
उन्हे धड़कऩे की आदत हो जैसे
और मुझे याद आते हो तुम बहुत के
जैसे तुम्हें याद करने की मुझे आदत हो!
ये आदत कभी छूटे ना,
चाहे छूट जाए ये दुनिया मुझसे,
मेरी तुम्हें याद करने की आदत निराली है,
हाँ अब दिल खाली है,
हुई दिल की बहाली है!
सोनल निर्मल नमिता