दिल की हरकते दिल ही जाने,
दिल की हरकते दिल ही जाने,
लाख पाबंदी फिर भी न माने।।
केवल रक्त संचरण केंद्र नहीं,
ज़ज्बातो से भी खेलना जाने।।
ख़ाब रंगीन सपने संगीन,
पंख नही पर उड़ना जाने।।
पग पग की चाल बदलता देखो,
बिन पग भी यह चलना जाने।।
वक़्त-बेवक़्त हरकते अजीब सी,
घड़ी घड़ी फ़कीरी में भटकना जाने।।
सोंच सोंच के मोच बनाए,
बुद्धि को भी धूल चाटना जाने।।
जोड़ जोड़ कर तोड़ यही है,
इश्क़ का आँगन टेढ़ा माने।।
नाच नाचावे हाय बावरा
जिस पर बीते बस वही जाने।।
••लखन यादव••
गाँव:- बरबसपुर (बेमेतरा) ३६ गढ़