दिल की सुन कर आवाज़ हम आ गए
दिल की सुन कर आवाज़ हम आ गए
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*****222 221 221 2 (ग़ज़ल)**
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दिल की सुन कर आवाज़ हम आ गए,
मोहोब्बत का आगाज़ हम आ गए।
मनवा गाता था गीत वो प्यार के,
तुम ही तो हो सरताज़ हम आ गए।
पायल की वो झनकार मन भा गई,
बजता है प्यारा साज हम आ गए।
तन – मन में तेरा वास रहता सदा,
पूरे हों मन के काज हम आ गए।
मनसीरत का जज़्बात से चित भरा,
खुल ना जाएं सब राज हम आ गए।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)