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30 Jul 2022 · 1 min read

दिल की ये आरजू है

दिल की ये आरजू है
कि कोई मिले,
सुंदर, सुशील,
भारतीय नारी,
जो बोलती हो अंग्रेजी,
पहनती हो साड़ी,
दिखती हो मर्लिन मुनरो जैसी,
पर हो ब्रह्मचारी;
सबके साथ मोहब्बत बरते,
न हो किसी से वैर,
घर का सारा काम खत्म कर,
दबाए बड़ों के पैर,
पढ़ी-लिखी हो,ऑफिस जाए,
घर का सारा खर्च उठाए,
पार्ट टाइम बुटीक चलाए,
गौ-सेवा में हाथ बंँटाए;
हो इतनी सुंदर,
कि देख
मन लट्टू हो जाए,
पकाए तीखा, चटपटा,
मीठे में, रबड़ी के साथ
दो-चार लड्डू हो जाए।

मौलिक व स्वरचित
©® श्री रमण
बेगूसराय (बिहार)

8 Likes · 10 Comments · 490 Views
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