दिल की बात
तू बड़ी मुश्किलों से मिला है
जाने किन कर्मों का सिला है
रहमत है ऊपरवाले की ये
जो महबूब तुम सा मिला है
नहीं कोई गिला ज़िंदगी से
जबसे मुझे तू मिला है
फूल जैसे मेरे आँगन में कोई
इतना खुशबूदार खिला है
तुम रहना ऐसे ही हमेशा
तू ही मेरी ख़ुशियों का क़िला है
रहता हूँ जाने किस नशे में
तेरा प्यार जबसे मुझे मिला है
रोमांचित होता है जैसे कोई पंछी
उन्मुक्त गगन में भरकर उड़ान
तेरी आँखों में देखकर हर पल
वही रोमांच मुझे भी मिला है
अब जाना न कभी छोड़कर
इस ज़िंदगी में तुम कभी
बड़ी मुश्किलों से मुझे मेरा
ये प्यारा हमसफ़र मिला है
तेरा घंटों घंटों इंतज़ार किया
इसका गवाह पूरा शिमला जिला है
शायद इसी सच्ची मोहब्बत का
मुझको आज ये सिला मिला है
देखूँ ज़मीं पर या देखूँ मैं आसमाँ
मुझे हर जगह तेरा ही चेहरा दिखा है
झांक ले तू भी कभी मेरे दिल में
इसमें बस तेरा नाम ही तो लिखा है
छोड़ दे शर्माना अब इस तरह तू
बड़ी मुश्किल से ये वक़्त मिला है
कर ले अपने दिल की बात तू भी
तुम्हें अब किस बात का गिला है।