दिल की बात दिल से
दिल की बात दिल से ही निकलती है,
दिल पास लाओ दिल के तभी सुनाई देती है ।।
दिल धड़कता है संगीत बनकर मेरे सीने में,
धड़कनों में तेरे नाम की ही सरगम बजती है ।।
होठ प्यासे हैं पीने मोहब्बत की धारा से पानी,
सागर में मिलना है यही है हर नदी की कहानी ।।
नजर भर देख लो मुझको नजरें तड़फती है तेरे लिए,
ना मिलेंगी तो अश्कों में बह जाएगी ये तेरी जवानी ।।
मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ मैं मोहब्बत बनकर,
मेरे दिल पर हाथ रखदे होकर मोहब्बत में दीवानी ।।
prAstya……(प्रशांत सोलंकी)