दिल की धड़कन
मुक्तक – दिल की धड़कन
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मेरे दिल की तुम्हीं धड़कन,मेरे आँखों की पानी हो।
तुम्हीं पूनम की चंचलता, तुम्हीं परियों की रानी हो।
तुम्हारें बिन अधूरा मैं , अधूरा है हृदय मेरा।
मेरे इस प्यार की जानम,तुम्हीं पावन कहानी हो।
मेरे मन की ये चाहत हैं, रहूँ तेरी पनाहों में।
तेरा ही साथ पाऊँ मैं,जनम भर प्रेम राहों में।
रहूँ जब तक जहाँ में मैं,तेरी धड़कन बनूँ हरपल।
मुझे जिस दिन पड़े मरना,मरूँ तेरी ही बाहों में।
अगर तुम साथ दो जानम,खुशी से झूम लूँगा मैं।
अगर शॉपिंग की चाहत हो,तेरे संग घूम लूँगा मैं।
तुम्हें हैं इश्क गर मुझसे,करो इकरार नैनो से ।
तुम्हें बाहों में भरकर होंठ,तेरा मैं चुम लूँगा मैं।
कभी नजदीक आती हो,कभी तुम दूर जाती हो।
दीवाने पर तरस खाओ,मुझे तुम क्यों सताती हो।
नहीं पाया समझ तुमको,यूँ मुझसे चाहती हो क्या?
नहीं बाहों में आती हो,मगर हक क्यों जताती हो।
पढ़े कालेज में संग संग,सदा हमराज होते थे।
पछाड़े थे सभी को हम,हमारे ताज होते थे।
मगर अब क्यों सनम रूठे,बदल दी प्यार की राहें।
ओ बचपन में कहाँ हमतुम,कभी नाराज होते थे।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” ✍️✍️✍️