– दिल की धड़कन में बसी हो तुम –
– दिल की धड़कन में बसी हो तुम –
दिल की धड़कन, सांसों की तड़पन,
ख्वाबों का सैलाब,
हकीकत है या ख्वाब,
रातों को नींद ना आए,
दिन का चैन मेरा खो जाए,
हुआ मुझे यह क्या,
कुछ मुझे समझ न आए,
दिल तुझे देखते ही धड़कता है,
और धड़कता ही जाए,
धड़कने मेरी तुझे देखकर बढ़ती ही जाए,
ऐसा लगता है जैसे दिल की धड़कन में बसी हो तुम,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान