दिल की किताब
लिखे थे बरसो से
दिल की किताब पर
उन शब्दों को आज
मै आवाज दे आया हूं।
गुमनाम था जमाने मे
छुपा था धड़कनो मे
उस नाम को आज
मै आम कर आया हूं।
बिछड़ न जाये फिर कभी
खुदा की इबादत कर
उस प्यार को आज
मै बेखौफ मांग आया हूं।
नजर न लगे किसी की
यकीन नही होता
उस ख्वाब को आज
मै हकीकत कर आया हूं।।