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12 Oct 2019 · 1 min read

दिल की किताब

लिखे थे बरसो से
दिल की किताब पर
उन शब्दों को आज
मै आवाज दे आया हूं।

गुमनाम था जमाने मे
छुपा था धड़कनो मे
उस नाम को आज
मै आम कर आया हूं।

बिछड़ न जाये फिर कभी
खुदा की इबादत कर
उस प्यार को आज
मै बेखौफ मांग आया हूं।

नजर न लगे किसी की
यकीन नही होता
उस ख्वाब को आज
मै हकीकत कर आया हूं।।

Language: Hindi
491 Views
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