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2 Mar 2021 · 1 min read

दिल का रिश्ता

सबसे गहरा
दिल का रिश्ता
एक धुएं सा उड़ गया
एक पानी सा बह गया
एक पहाड़ सा खामोश हुआ
एक समय की धार सा
हर एक बीतते पल के
साथ
खोता चला गया
यह पतंग कटकर
न जाने किसकी छत पर
गिरी
कहीं नहीं मिली कि
इसेे उठाकर वापिस
अपने घर ले आऊं
लगता है
इसका अब कोई
सुराग हाथ लगना
मुश्किल है
ऐसा मालूम होता है कि
आसमान इसे खा गया है
और काली घटाएं इसे
किसी नागिन के
जहरीले साये की ही तरह
डस गई हैं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
419 Views
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