दिल का पोखर
दिल का पोखर
यूं तो रहता है
अक्सर शांत पर
यह इंसान है
कोई संत नहीं
महात्मा नहीं
परमात्मा नहीं
लाख कोशिश कर ले
फिर भी
कोई अभद्र व्यवहार या
अपशब्द का कंकड़ मारे तो
सिमटता सिकुड़ता फिर
थोड़ा सा
बिजली की तरंग सा
चारों ओर
एक घेरे में
फैलता
कांप ही जाता है
कंकड़ तो कभी न कभी
कोई न कोई
मारेगा ही
अस्थिरता तो आयेगी ही
इस समस्या को जड़ से तो
भगवान भी खत्म नहीं कर पायेगा
खुद पर ही संयम का अभ्यास करके
किसी भी कंकड़ का स्वागत करते हुए बस
अस्थिरता की समयावधि को कम करते
चले जाने का प्रयास निरंतर करते
रहना है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001