दिल का दर्द
अब आए बहलाने कोई
दिल की लगी बुझाने कोई
जख्मों पर तो मरहम रक्खा
दिल का दर्द न जाने कोई
बना लिया है दिल को पत्थर
आता नहीं सताने कोई
आइना देखकर लौट गया
आया ऐब गिनाने कोई
कंकर ही उसको मिलते हैं
हद से बढ़कर छाने कोई
इस आस में हम रूठ गए थे
आए हमें मनाने कोई
चेहरा सब कुछ कह जाता है
कर ले लाख बहाने कोई
उसको फिर नाकाम किया है
निकला आग लगाने कोई
दर्द तो हम भूल गए थे
बैठा रहा सरहाने कोई