*दिल का दर्द*
सुन ले ए दिल चुराने वाले
थोड़ी इंसानियत दिखा जाता
चुराया है जो दिल मेरा
बदले में अपना तो दे जाता
ये तो धड़कता है तेरे ही लिए
तू इतना तो जान जाता
तेरे बिना क्या हालत है मेरी
चुराते वक्त दिल को ये तो देख जाता
तेरी आँखों में देखकर ये प्यार
तू जानता है, मैं फूला नहीं समाता
किससे कहूं तू मुझको है सताता
क्यों कभी अपना प्यार नहीं जताता
कब करेगा तू भी इज़हार इसका
ये ख़ुदा भी मुझे नहीं बताता
कर के देख लिए है जतन सारे
लेकिन मेरे दिल का दर्द नहीं जाता।