दिल का दर्द, दिल ही जाने
दिल का दर्द दिल ही जाने
बाकी सब झूठे अफसाने।
मुश्किल है यहां दर्द समझना
लोगों के है सब झूठे बहाने।
आसान बहुत है वादा करना
मुश्किल है मगर ये निभाने।
चाहा था तो निभा भी देता
छोड़ गया क्यूं ठौर ठिकाने।
बेवफाई क्यूं करके गया वो
दिल बेचारा यही न जाने।
कितनी बार रूठे तुम मुझसे
कितनी बार आई मैं मनाने ।
सुरिंदर कौर