*दिल कहता है*
तुम मेरे हो ये मेरा दिल कहता है !
आज बहुत है बेकरार तुझको पाने को
कोई बात न माने नहीं संभलता है ,
हर पल रहती हैं नजरें कुछ खोई- खोई
बेचैनी में निस दिन बहुत तड़पता है ।
देख तुझे ये रहा नहीं अब मेरे वश में
कभी रूठता ,पल में कभी मचलता है ,
तोड़ सभी रसमों को तुझको आना होगा
यही अकेले में मेरा
दिल कहता है !
कठिन डगर है और बहुत है रात अंधेरी
फिर भी मंजिल तक तुझको
आगे जाना है ,
इक दिन तुम आओगे ये
दिल कहता है !
नहीं रुकावट बन सकती हैं ये दीवारें
प्रेम सदा इस दिल में तेरा रहता है ,
इक दिन तुम आओगे ये
दिल कहता है !
सांसों में तुम और तुम्हारा प्यार समाया
और लहू बनकर नस नस में बहता है ।
इक दिन तुम आओगे ये
दिल कहता है !