दिल कहता है कि कहें हम किसी को अपना।
दिल कहता है कि कहें हम किसी को अपना।
पर मतलब कि इस दुनिया में ए दोस्त कोई नहीं है अपना।
ना जाने कब कोई अपना पराया हो जाए।
और ना जाने कब कोई पराया अपना हो जाए।
इसलिए ए नादान ए दिल ना कर यकीन तू अपने अरमानों पर।
ना जाने तेरे अरमानों का ठिकाना कब बदल जाए ।
माना कि मोहब्बत की राहें नहीं है आसान।
पर राहों पर मंजिलें यहां किसी कब मिलीं हैं।
बदलते देखी है रंगत हमने जमाने की।
पर हमारी रंगत बदल दे ऐसा जमाना नहीं देखा हमने।