दिल अगर नही लगता
तुझसे दिल अगर नही लगता
फिर किसी से डर नही लगता
तेरे बिना ज़िंदगी, ज़िंदगी नही
तेरे बिना घर अब घर नही लगता
इतने कड़वे घूंट पिए हैं मैंने
कि ज़हर भी ज़हर नहीं लगता
तुझसे दिल अगर नही लगता
फिर किसी से डर नही लगता
तेरे बिना ज़िंदगी, ज़िंदगी नही
तेरे बिना घर अब घर नही लगता
इतने कड़वे घूंट पिए हैं मैंने
कि ज़हर भी ज़हर नहीं लगता