Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2018 · 1 min read

–दिल्लगी कहूँ या मोहब्बत–

——————–नज़्म—————–
आपकी नज़रें मिली प्यार की तरह।
ज़ोश में भर गए हम तो ज्वार की तरह।।

दस्तक हमने दी जब आपको नज़र की।
आप सिमट गए फिर सनम सार की तरह।।

क़रीब से दिले-हसरत कहते हम मगर।
फेर ली तूने नज़र संसार की तरह।।

समझ पाए ना हम ख़्याले-दिल आपका।
रह गए बेजान-सी दीवार की तरह।।

दिलो-दिमाग़ में छवि बसी है गुलाब-सी।
उतर गए दिल में यार बहार की तरह।।

हम चाहें थे हर राज छिपे दुनिया से।
पर छपी सब बातें समाचार की तरह।।

चाँद कैसे छिपा ले चाँदनी को दोस्त!
बजे है सच्चाई तो गिटार की तरह।।

नादानी मत करना यार भूल से भी।
दिखती है ये सदा इश्तिहार की तरह।।

आँखों की चमक सब बयां करे है यार।
उभरे ये जवानी के निखार की तरह।।

इसे दिल्लगी कहूँ या मोहब्बत सनम।
दिल दे दिया प्रीतम एक हार की तरह।।

राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
————————————

Language: Hindi
394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
"लहर"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सावन साजन और सजनी
सावन साजन और सजनी
Ram Krishan Rastogi
डिप्रेशन में आकर अपने जीवन में हार मानने वाले को एक बार इस प
डिप्रेशन में आकर अपने जीवन में हार मानने वाले को एक बार इस प
पूर्वार्थ
यदि कोई केवल जरूरत पड़ने पर
यदि कोई केवल जरूरत पड़ने पर
नेताम आर सी
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कल और आज जीनें की आस
कल और आज जीनें की आस
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पत्नी की पहचान
पत्नी की पहचान
Pratibha Pandey
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-313💐
💐प्रेम कौतुक-313💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
व्यक्तित्व और व्यवहार हमारी धरोहर
व्यक्तित्व और व्यवहार हमारी धरोहर
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
संगीत................... जीवन है
संगीत................... जीवन है
Neeraj Agarwal
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
Vishal babu (vishu)
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
Anand Kumar
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
आर.एस. 'प्रीतम'
!! आशा जनि करिहऽ !!
!! आशा जनि करिहऽ !!
Chunnu Lal Gupta
शेर
शेर
SHAMA PARVEEN
लफ़्ज़ों में ज़िंदगी को
लफ़्ज़ों में ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
उदर क्षुधा
उदर क्षुधा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
■ प्रयोगात्मक कवित-
■ प्रयोगात्मक कवित-
*Author प्रणय प्रभात*
जाना जग से कब भला , पाया कोई रोक (कुंडलिया)*
जाना जग से कब भला , पाया कोई रोक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आसमां से आई
आसमां से आई
Punam Pande
पत्रकारो द्वारा आज ट्रेन हादसे के फायदे बताये जायेंगें ।
पत्रकारो द्वारा आज ट्रेन हादसे के फायदे बताये जायेंगें ।
Kailash singh
3231.*पूर्णिका*
3231.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुआ के हाथ
दुआ के हाथ
Shekhar Chandra Mitra
सब दिन होते नहीं समान
सब दिन होते नहीं समान
जगदीश लववंशी
कोरोना काल
कोरोना काल
Sandeep Pande
हम चाहते हैं
हम चाहते हैं
Basant Bhagawan Roy
Loading...