दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
गज़ल
1222…..1222……1222……1222
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
अगर दौलत नहीं होती, कोई झगड़ा नहीं होता।
जिसे था गर्व बेटों पर, वो मां लाचार बैठी है,
यही अच्छा हुआ होता, कोई बेटा नहीं होता।
तुम्हारे झूठे वादे ने, तुम्हें बदनाम कर डाला,
तुम्हारा झूठ छुप जाता, अगर चर्चा नहीं होता।
भरा हो दुर्गुणों से जो, उसे अच्छा नहीं कहते,
कि लोहा कितना अच्छा हो, कभी सोना नहीं होता।
सुहाने स्वप्न देखे थे जो, हो जाते सभी पूरे,
अगर चे प्यार में ‘प्रेमी’, दिया धोखा नहीं होता।
…………✍️ सत्य कुमार प्रेमी