Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2017 · 1 min read

दिलों में दिया फिर जलाना पड़ेगा

अंधेेरा सफर का हटाना पड़ेगा|
दिलों में दिया फिर जलाना पड़ेगा|
कदम कामयाबी का पहला रखा है,
अभी दूर तक हमको जाना पड़ेगा|
न चीखो गले से,न बातें बनाओ
जो कहना है,करके दिखाना पड़ेगा|
छुपा के रखा था,कहीं प्यार दिल में
हमें वक्त रहते जताना पड़ेगा|
नहीं हम गुनहगार केवल अकेले
रहे शामिल तुम भी बताना पड़ेगा|
✍हेमा तिवारी भट्ट✍

243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
देख लेते
देख लेते
Dr fauzia Naseem shad
मैं ....
मैं ....
sushil sarna
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
सोच
सोच
Srishty Bansal
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"दिल का हाल सुने दिल वाला"
Pushpraj Anant
!! ईश्वर का धन्यवाद करो !!
!! ईश्वर का धन्यवाद करो !!
Akash Yadav
अब तक मैं
अब तक मैं
gurudeenverma198
डमरू वीणा बांसुरी, करतल घन्टी शंख
डमरू वीणा बांसुरी, करतल घन्टी शंख
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"शिलालेख "
Slok maurya "umang"
हिन्दी माई
हिन्दी माई
Sadanand Kumar
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
*यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)*
*यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)*
Ravi Prakash
राम रावण युद्ध
राम रावण युद्ध
Kanchan verma
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
दादी की वह बोरसी
दादी की वह बोरसी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
23/30.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/30.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
"आज का विचार"
Radhakishan R. Mundhra
प्यारी तितली
प्यारी तितली
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
// प्रसन्नता //
// प्रसन्नता //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
“सभी के काम तुम आओ”
“सभी के काम तुम आओ”
DrLakshman Jha Parimal
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
मैं तो महज पहचान हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
VINOD CHAUHAN
यह कैसी खामोशी है
यह कैसी खामोशी है
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
ओसमणी साहू 'ओश'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...